देशभक्ति कविता 1
मेरा भारत महान, इसका इतिहास पुराना। वीर सपूतों ने किया, इसे सदा सम्मान। हर मुश्किल को पार किया, न कभी हारा। इस धरा पर उगते हैं, सूरज और चांद। हमारी धरोहर, हमारी जान, इस धरा को नमन करें, मेरा भारत महान।
देशभक्ति कविता 2
दिल में है देशभक्ति का जज्बा, हम सबको रखना होगा इसे जिंदा। हर कोने में गूंजे, भारत मां की जयकार। जिसने भी दी कुर्बानी, उसे याद करें बार-बार। भारत मां के बेटे हैं, हम सब वीर जवान
देशभक्ति कविता 3
धरा का हर कोना, हर रंग अनमोल है। इस मिट्टी में बसी है, हमारी जान और खून। हर धड़कन में गूंजे, भारत माता का गीत। सभी मिलकर करें, इस धरा का मान बढ़ाने का वादा।
देशभक्ति कविता 4
भारत की शान, भारत की पहचान। वीरों ने रचा इतिहास, हम सबकी जान। हर जनम में बस एक ही आस, भारत मां के चरणों में, सदा रहे हमारा विश्वास।
देशभक्ति कविता 5
देश की मिट्टी, देश का नाम। हर जन के दिल में बसे, भारत का सम्मान। वीरों ने दिया हमें ये आजादी का उपहार, हम सब मिलकर रखें इसे सदा बरकरार।
देशभक्ति कविता 6
भारत की भूमि, भारत की शान। हर धड़कन में बसी है, इसका सम्मान। वीरों ने रच दिया, इतिहास महान। हम सब मिलकर बढ़ाएं, भारत का नाम।
देशभक्ति कविता 7
यहां की मिट्टी में है, वीरों का खून। हर कोने से गूंजे, भारत मां का गीत। हम सब मिलकर करें, इसका मान बढ़ाने का वादा। सदा जिये ये धरती, सदा रहे हमारा भारत महान।
देशभक्ति कविता 8
हम सबके दिल में बसता है, एक ही नाम। भारत मां की जय, भारत का सम्मान। हर जनम में बस यही हो, हमारा ध्येय। भारत मां के चरणों में सदा रहे हमारा प्रेम।
देशभक्ति कविता 9
हमारी मिट्टी, हमारा खून, हमारा जीवन। सब कुछ भारत मां के चरणों में अर्पित। सदा रखें इसका मान, सदा करें इसका सम्मान। भारत मां की जयकार, गूंजे हर कोने में।
देशभक्ति कविता 10
हमारे दिल में बसी है, एक ही आरजू। भारत मां की सेवा, सदा रहे हमारे जीवन का उद्देश्य। हर जनम में बस यही हो, हमारा मार्ग। भारत मां के चरणों में सदा रहे हमारा प्रेम।
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More Desh Bhakti Poems :
देशभक्ति कविता 11
यह देश हमारा है, इसकी माटी से हम बने।
हर बूँद खून की, इस धरती पर निछावर करें।
हम जीते मरते हैं, इस तिरंगे की शान में,
हर दिल में बसती है, भारत माँ की पहचान में।
देशभक्ति कविता 12
भारत माँ का आँचल है, सबसे प्यारा।
इसकी खुशबू से महके, दिल हमारा।
हर दर्द सहते हैं, माँ की मुस्कान के लिए,
हर पल जीते हैं, इसके सम्मान के लिए।
देशभक्ति कविता 13
धरती से अम्बर तक, गूंजे जयकारा।
भारत माँ की जय हो, यही हमारा नारा।
हमने खून पसीने से, इसको सजाया,
हर कोने में इसकी महक, हमने फैलाया।
देशभक्ति कविता 14
वीर सपूतों की भूमि, भारत देश महान।
हर जन की जुबान पर, भारत माँ का नाम।
इस धरती पर जिये, वीरों की पहचान,
भारत माँ की जय हो, यही हो अरमान।
देशभक्ति कविता 15
हमारा देश, हमारी जान।
इस माटी से गहरे, रिश्ते के प्रमाण।
हर बूँद खून की, तिरंगे में रंग डालें,
भारत माँ के चरणों में, अपना सर झुकाएँ।
देशभक्ति कविता 16
इस देश की मिट्टी में, कुछ खास है।
हर दिल में बसा, इसका विश्वास है।
हम सब मिलकर, इसे महान बनाएँ,
हर जनम में बस, इसका गान गाएँ।
देशभक्ति कविता 17
भारत माँ की गोद में, हमने जन्म लिया।
इसकी रक्षा का, हमने प्रण लिया।
हर मुश्किल में साथ रहें, देश के लिए,
हर बूँद खून की, इस माटी को अर्पित किए।
देशभक्ति कविता 18
तिरंगे की शान में, हम सिर झुकाएँ,
इसकी रक्षा के लिए, जान निछावर कर जाएँ।
हर दिल में बसती है, भारत माँ की मूरत,
इसकी सेवा में, हमारा जीवन अर्पित।
देशभक्ति कविता 19
धरती से लेकर अम्बर तक, जय जयकार हो।
भारत माँ के चरणों में, सदा प्रेम की धार हो।
हम सब मिलकर, इसकी सेवा करें,
हर जनम में बस, इसका सम्मान करें।
देशभक्ति कविता 20
हमारी पहचान, हमारा सम्मान,
इस धरती से गहरा, हमारा जुड़ाव है।
हर बूँद खून की, तिरंगे में रंगें,
भारत माँ की जय हो, यही हमारा नारा है।