10 Best Veer Ras Desh Bhakti Kavita : वीर रस देशभक्ति कविता

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देशभक्ति कविता 2

हिंदू-बौद्ध-जैन-ईसाई-
मुस्लिम-सिक्ख-पारसी भाई।
रहते हिलमिल, यद्यपि अलग
अलग धर्मों के हम अनुयायी।

इसमें मंदिर, इसमें मसजिद
इसमें गिरिजाघर, गुरुद्वारा।
यह है भारत देश हमारा
हम सबका प्यारा।
    

देशभक्ति कविता 3

वीर, तुम बढ़े चलो
धीर, तुम बढ़े चलो।
हाथ ध्वजा में रहे
बाल-दल सजा रहे।

ध्वज कभी झुके नहीं
दल कभी रुके नहीं।
वीर, तुम बढ़े चलो
धीर, तुम बढ़े चलो।
    

देशभक्ति कविता 4

यह ऋषियों का देश है
यह मुनियों का देश है।
यहां वेद का ज्ञान है
मेरा देश महान है।

मिला राम का, कृष्ण का
महावीर का, बुद्ध का।
गांधी का वरदान है
मेरा देश महान है।
    

देशभक्ति कविता 5

हम भारत के बच्चे,
हमारा प्यारा देश।
हम सब मिलकर,
रखेंगे इसकी शान।

देशभक्ति की भावना,
हमारे दिल में बसी।
हर मुश्किल में हम,
देश के साथ खड़े।
    

देशभक्ति कविता 6

देश की रक्षा में,
हम सदा रहेंगे तत्पर।
हमारा तिरंगा प्यारा,
हमारी पहचान है।

देश के लिए मर मिटेंगे,
हर हाल में इसे बचाएंगे।
हम सब मिलकर,
देश का मान बढ़ाएंगे।
    

देशभक्ति कविता 7

हम बच्चे भारत के,
हमारी पहचान है।
देशभक्ति की भावना,
हमारे दिल में बसी।

हर मुश्किल का सामना,
हम डटकर करेंगे।
हमारा प्यारा तिरंगा,
हमेशा ऊंचा रहेगा।
    

देशभक्ति कविता 8

मिट्टी की खुशबू है
हमारे दिलों में बसी।
देश की रक्षा के लिए
हम सदा रहेंगे खड़े।

हमारा तिरंगा ऊंचा रहे
हरदम इसकी शान बनाएंगे।
भारत माता की जय
हम सब मिलकर गाएंगे।
    

देशभक्ति कविता 9

सपनों का देश है
हमारा प्यारा भारत।
हर रंग में है यहां
हमारी पहचान।

एकता की मिसाल है
हमारा प्यारा देश।
हम सब मिलकर रखेंगे
इसकी शान।
    

देशभक्ति कविता 10

यहां की मिट्टी, यहां का जल
हमारी जान है।
हम सब मिलकर बनाएंगे
इस देश को महान।

हर धर्म, हर जाति का
हमारा प्यारा देश।
हम सब मिलकर रखेंगे
इसकी शान।
    
वीर रस देशभक्ति कविता

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वीर रस देशभक्ति कविताएँ: भारत की वीरता और मातृभूमि की सेवा

वीर रस देशभक्ति कविताएँ हमारे देश की वीरता, बलिदान और मातृभूमि के प्रति प्रेम को व्यक्त करने का एक अद्भुत तरीका हैं। ये कविताएँ न केवल हमारी ऐतिहासिक विरासत को समर्पित हैं, बल्कि हमें हमारे वीर शहीदों की याद दिलाती हैं जिन्होंने स्वतंत्रता और देश की रक्षा के लिए अपार बलिदान दिया।

कविताओं की महत्ता

इन कविताओं में निहित वीर रस हमें प्रेरित करता है और हमें अपनी मातृभूमि के प्रति गर्व महसूस कराता है। वीर रस की कविताएँ आमतौर पर शौर्य, बलिदान और मातृभूमि की सेवा के प्रति समर्पण की भावना को व्यक्त करती हैं। ये कविताएँ न केवल देशभक्ति को बढ़ावा देती हैं, बल्कि हमें एकजुट और प्रेरित भी करती हैं।

वीर रस कविताएँ

  1. वीरता की अमर कथा
    बलिदान की धरती पर, गूंजे वीरता की आवाज़,
    शहीदों की वीरता से, महकता हर एक राज।
    रणभूमि में हर योद्धा, देश की आन का संकल्प,
    स्वतंत्रता की राह में, वह लहराएगा विजय झंझा।
    वीरों की गाथा अमर है, हर दिल में बसाई जाएगी।
  2. शहीदों की वीरता
    वीरता की अमर कथा, देशभक्ति का राग,
    हर बलिदान में छुपा, भारत माँ का भाग।
    रणभूमि में लहराया, स्वतंत्रता का झंडा,
    शहीदों की तपस्या से, हर दिल में है यह संकल्प।
    उनकी गाथा गाएंगे, हर एक युग में यह मान।
  3. मातृभूमि की रक्षा
    मातृभूमि की रक्षा में, हर बलिदान महान,
    वीरों की क़ुर्बानी से, चमकती भारत की शान।
    रणभूमि में उठे वीर, हर लहर में है उम्मीद,
    शहीदों के बलिदान से, संजीवनी मिलती है सिद्ध।
    स्वतंत्रता का संदेश, हर दिल में गूंजेगा सदा।
  4. स्वतंत्रता का ध्वज
    रणभूमि में लहराया, तिरंगा का ध्वज,
    शहीदों की बलिदान से, गूंजे विजय का ताज।
    मातृभूमि के वीर सपूत, हर चुनौती से पार,
    स्वतंत्रता के मार्ग पर, वह लहराएंगे विजय झंकार।
    उनके बलिदान से ही, यह देश ऊँचा जाएगा।
  5. वीरता का प्रतीक
    वीरता का यह प्रतीक, मातृभूमि की आन,
    शहीदों की गाथा में, लहराए स्वतंत्रता का सम्मान।
    हर क़ुर्बानी के साथ, देश की शान बढ़ाई,
    रणभूमि में दिए गए बलिदान से, स्वतंत्रता की राह सजाई।
    उनकी गाथा हर दिल में, अमर रहेगी सदा।
  6. प्रेरणा का दीप
    वीरों की गाथा से, प्रेरणा का दीप जलाओ,
    मातृभूमि की सेवा में, हर क़ुर्बानी को याद करो।
    रणभूमि की हर आहट, स्वतंत्रता की चिर कहानी,
    शहीदों की वीरता से, झलके मातृभूमि की निशानी।
    उनके बलिदान से, हमें नई ऊर्जा मिलेगी।
  7. आज़ादी का सूरज
    वीरों की शहादत से, लहराया आज़ादी का सूरज,
    मातृभूमि की रक्षा में, हर बलिदान था बेजोड़।
    रणभूमि की हर धड़कन, गूंजे स्वतंत्रता के गीत,
    शहीदों की वीरता से, चमकती भारत की मीत।
    उनके बलिदान से भरी, मातृभूमि की शान निरंतर।
  8. बलिदान की अमर गाथा
    मातृभूमि की रक्षा में, हर शहीद की बलिदान,
    वीरता की गाथा से, चमकती भारत की शान।
    रणभूमि में दी गई, हर कुर्बानी अमर है,
    स्वतंत्रता के संग, शहीदों की गाथा भर है।
    उनकी वीरता से गूंजे, हर दिल में नया संकल्प।
  9. स्वतंत्रता का संदेश
    मातृभूमि की रक्षा में, शहीदों ने दिया बलिदान,
    उनके साहस की गाथा, गूंजे हर दिल के कान।
    रणभूमि में उठे वीर, लहराए स्वतंत्रता के ध्वज,
    हर एक बलिदान से, निखरी भारत की शान।
    उनकी गाथा अमर रहे, हर युग में गाए जाएगी।
  10. वीरता का संदेश
    मातृभूमि की सेवा में, हर बलिदान है अमर,
    वीरों की वीरता से, चमकता हर दिल का घर।
    रणभूमि की हर धड़कन, स्वतंत्रता की ओर इशारा,
    शहीदों की बलिदान से, बनी भारत की सुनहरी सवेरा।
    उनकी गाथा हर दिल में, अमर रहेगी सदा।

निष्कर्ष

ये वीर रस देशभक्ति कविताएँ हमें प्रेरित करती हैं और हमें हमारे वीर शहीदों की क़ुर्बानी की याद दिलाती हैं। ये कविताएँ न केवल हमें गर्व महसूस कराती हैं, बल्कि हमें मातृभूमि की रक्षा और सेवा के प्रति जागरूक भी करती हैं। हर एक कविता में छुपी वीरता की भावना हमें हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति और भी अधिक सम्मानित और समर्पित बनाती है।

2 comments on "10 Best Veer Ras Desh Bhakti Kavita : वीर रस देशभक्ति कविता"

  1. zeleniymis says:

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    Reading through this post reminds me of my old
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