आज से आजाद अपना देश फिर से,
ध्यान बापू का प्रथम मैंने किया है।
क्योंकि मुर्दों में उन्होंने भर दिया है,
नव्य जीवन का नया उन्मेष फिर से।
देशभक्ति कविता 2
यूं तो एक चिंगारी मंगल पांडे ने सुनाई थी,
यह अलग बात है उन्होंने सफलता नहीं पाई थी।
पर हां, अन्याय के खिलाफ आवाज तो उठाई थी,
झांसी की रानी भी रण क्षेत्र में उतर आई थी।
देशभक्ति कविता 3
तुझको नमन मेरे वतन, फूल हम तू है चमन,
तेरी रक्षा को करें गमन, तुझसे ही है यह तन मन।
आंख जो कोई उठाए, आग दरिया में लगाएं,
दुश्मन को दौड़कर भगाएं, तिरंगे को हमेशा फैलाएं।