बेस्ट बॉलीवुड कमिंग-ऑफ-एज मूवीज जिन्हें आप रिलेट कर पाएंगे

बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में हैं जो हमारी जिंदगी के खास पड़ावों को बड़े परदे पर खूबसूरती से दर्शाती हैं। ये फिल्में हमें हंसाती हैं, रुलाती हैं, और कई बार हमारे खुद के अनुभवों की याद दिलाती हैं। आज हम बात करेंगे बॉलीवुड की कुछ बेहतरीन कमिंग-ऑफ-एज फिल्मों की, जो यंग एडल्ट्स की परेशानियों, खुशियों, और ज़िंदगी के सबक को खूबसूरती से पेश करती हैं।

कमिंग-ऑफ-एज फिल्में क्यों खास होती हैं?

कमिंग-ऑफ-एज फिल्में सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं होतीं, बल्कि ये हमारी जिंदगी की उन कहानियों को दिखाती हैं, जहां हम बड़े होने के अनुभव से गुजरते हैं। ये फिल्में दोस्ती, प्यार, परिवार और खुद की पहचान की खोज को लेकर गहराई से जुड़ती हैं।


1. जोजीता वही सिकंदर (1992)

क्या सिखाती है: जीवन में हार और जीत से ज्यादा ज़रूरी होता है खुद को साबित करना।

यह फिल्म एक मिडिल-क्लास लड़के के संघर्ष की कहानी है, जो अपनी पहचान बनाने के लिए मेहनत करता है। आमिर खान के किरदार ‘संजन’ की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जिसने खुद को कमतर महसूस किया हो। फिल्म में दिखाए गए इंटर-स्कूल साइकिल रेस सीन ने सभी के दिलों में खास जगह बनाई।

यादगार डायलॉग:
“पढ़ाई में अच्छे नहीं हैं, तो क्या हुआ? जिंदगी में भी तो टॉप करना है!”

अगर आपको अपने स्कूल या कॉलेज के दिन याद करने हैं, तो यह फिल्म जरूर देखिए।


2. वेक अप सिड (2009)

क्या सिखाती है: सपने देखने और उन्हें पूरा करने का जज़्बा।

‘सिड’ के रूप में रणबीर कपूर ने एक लापरवाह, बिगड़े हुए अमीर बच्चे का किरदार निभाया है, जो धीरे-धीरे अपने पैशन और जिंदगी के प्रति जिम्मेदार बनता है। फिल्म की खास बात है कि यह एक हल्के-फुल्के अंदाज में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का सबक देती है।

प्रैक्टिकल टिप: अगर आप भी अपने करियर को लेकर कंफ्यूज हैं, तो यह फिल्म आपको रास्ता दिखा सकती है।


3. ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011)

क्या सिखाती है: जिंदगी को खुलकर जीना और अपने डर का सामना करना।

यह फिल्म तीन दोस्तों की कहानी है, जो स्पेन में एक ट्रिप पर जाते हैं। फिल्म में सिर्फ एडवेंचर नहीं, बल्कि जिंदगी के बड़े सवालों के जवाब भी छिपे हैं। ऋतिक रोशन, फरहान अख्तर और अभय देओल के किरदार हमें सिखाते हैं कि डर को हराना और सपनों को जीना ही असली जिंदगी है।

रियल लाइफ इंस्पिरेशन: अगर आप वर्कहॉलिक हैं और अपनी खुशी भूल चुके हैं, तो इस फिल्म को एक बार जरूर देखें।


4. इंग्लिश विंग्लिश (2012)

क्या सिखाती है: आत्मसम्मान और खुद पर विश्वास की ताकत।

श्रीदेवी अभिनीत यह फिल्म एक साधारण गृहिणी की कहानी है, जो इंग्लिश सीखकर अपने परिवार और समाज से अपनी काबिलियत को साबित करती है। फिल्म हर उस इंसान के लिए प्रेरणादायक है, जिसे कभी कमतर आंका गया हो।

यादगार पल: जब शशि (श्रीदेवी) अपने परिवार के सामने आत्मविश्वास से अंग्रेजी में स्पीच देती हैं।


5. गली बॉय (2019)

क्या सिखाती है: अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

रणवीर सिंह अभिनीत यह फिल्म मुंबई के धारावी की गलियों से निकलकर एक रैपर बनने की कहानी है। मुराद का किरदार दर्शाता है कि अगर आपके सपनों में दम है और आप मेहनत करने को तैयार हैं, तो आप किसी भी सामाजिक बंदिश को तोड़ सकते हैं।

पर्सनल एंगल: अगर आप भी किसी छोटे शहर से बड़े सपने लेकर निकले हैं, तो यह फिल्म आपको अपनी कहानी की झलक देगी।


6. दंगल (2016)

क्या सिखाती है: सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और समर्पण जरूरी है।

यह फिल्म हरियाणा की दो लड़कियों गीता और बबीता की कहानी है, जो अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए इंटरनेशनल लेवल पर कुश्ती में भारत का नाम रोशन करती हैं। फिल्म में लड़कियों की शक्ति और सामाजिक बाधाओं को पार करने का संदेश बेहद प्रभावशाली है।


7. दिल चाहता है (2001)

क्या सिखाती है: दोस्ती और रिश्तों की अहमियत।

यह फिल्म तीन दोस्तों की कहानी है, जो अलग-अलग व्यक्तित्व के हैं लेकिन जिंदगी के हर उतार-चढ़ाव में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। फिल्म का गोवा ट्रिप हर दोस्ती की कहानी को बयां करता है।

यादगार मोमेंट: गोवा में तीनों दोस्तों का बीच पर बैठकर जिंदगी पर चर्चा करना।


8. तारे ज़मीन पर (2007)

क्या सिखाती है: हर बच्चा खास होता है।

यह फिल्म न सिर्फ बच्चों, बल्कि पैरेंट्स के लिए भी एक बड़ी सीख है। ईशान की कहानी हर उस बच्चे की आवाज है, जिसे उसके सपनों और हुनर को समझने की जरूरत है।

डायलॉग जो दिल को छू जाता है:
“हर बच्चा अपने आप में खास होता है।”


9. क्वीन (2013)

क्या सिखाती है: खुद को पहचानने और अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाने की जरूरत।

कंगना रनौत की यह फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपने जीवन के सबसे बड़े झटके को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि में बदल देती है।

प्रैक्टिकल सबक: अगर कभी आपको लगे कि आप अकेले हैं, तो खुद के साथ समय बिताने का अनुभव करें।


10. छिछोरे (2019)

क्या सिखाती है: असफलता, सफलता से ज्यादा जरूरी सबक देती है।

यह फिल्म उन दोस्तों की कहानी है, जो कॉलेज के दिनों की मस्ती के साथ जिंदगी के असली संघर्षों का सामना करते हैं। फिल्म का संदेश साफ है – असफलता से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि उससे सीखने की जरूरत है।


निष्कर्ष:

बॉलीवुड की ये कमिंग-ऑफ-एज फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी की गहराइयों से जुड़ने का जरिया हैं। ये फिल्में हमें याद दिलाती हैं कि जिंदगी की हर चुनौती हमें कुछ नया सिखाती है।

आपके लिए सवाल: इनमें से कौन सी फिल्म ने आपको सबसे ज्यादा प्रेरित किया? अपनी राय हमें बताएं!

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